ांशिकी एवं कृषि रसायन विज्ञान से संबंधित है | पृथ्वी पर जब से मनुष्य ने खेती करना आरम्भ किया है, उस समय से ही पादप रोग भी फसलों पर उत्पन्न होते रहे हैं | प्राचीन धर्म-ग्रन्थों जैसे-वेद एवं बाइबिल आदि में भी पादप रोगों द्वारा होने वाले फसलों के विनाश के अनेक वर्णन मिलते हैं |
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वर्तमान में यह संस्थान कृषि रसायन, कृषि अर्थशास्त्र, कृषि अभियांत्रिकी, कृषि प्रसार, कृषि भौतिकी, कृषि सांख्यिकी, सस्यविज्ञान, जैव रसायनविज्ञान, कम्प्यूटर अनुप्रयोग (केवल एम.एससी.), कीटविज्ञान, पर्यावरण विज्ञान, आनुवंशिकी, औद्यानिकी, सूक्ष्मजीव विज्ञान, आण्विक जीवविज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी, सूत्रकृमि विज्ञान, पादप आनुवंशिक संसाधन, पादप रोगविज्ञान, पादप शरीरक्रिया विज्ञान, कटाई उपरांत प्रौद्योगिकी, बीज विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, मृदा विज्ञान एवं कृषि रसायन विज्ञान तथा जल विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विषयों में एम.एससी. और पीएच.डी. की उपाधियां प्रदान करता है।